LATEHAR,JHARKHAND#दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सह कार्यशाला को विभिन्न सत्रों के द्वारा हुआ संपन्न ।

 LATEHAR,JHARKHAND#दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सह कार्यशाला को विभिन्न सत्रों के द्वारा हुआ संपन्न ।

लातेहार, झारखंड ।

जिला मुख्यालय धर्मपुर पथ स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में दो दिवसीय पलामू विभाग स्तरीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रांतीय शिशु वाटिका प्रमुख बहन गीता कुमारी विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन पांडे, सचिव नरेंद्र कुमार पांडे , कोषाध्यक्ष ज्योति चौधरी , जिला संघ चालक अनिल कुमार ठाकुर, अभिभाविका रितु पांडे के द्वारा संयुक्त रूप से भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया गया।


कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का परिचय वाटिका की दीदी नीलम अम्बास्टा के द्वारा किया गया । इस प्रशिक्षण वर्ग  व कार्यशाला की भूमिका शिल्पा कुमारी के द्वारा रखा गया उन्होंने बताया कि बच्चों के मस्तिष्क का विकास 5 वर्ष की आयु तक 70% हो जाता है इस प्रशिक्षण वर्ग का उद्देश्य वैसे शिशुओ का निर्माण करना है जो बौद्धिक मानसिक शारीरिक प्राणिक नैतिक एवं आध्यात्मिक सभी प्रकार से सबल हो। विद्या भारती के विद्यालय सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में प्रथम कक्षा के नीचे तीन कक्षाएं हैं अरुण उदय व प्रभात। विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन पांडे ने कहा कि आचार्य दीदी जी के ऊपर बहुत बड़ा दायित्व है कोई भी बच्चा हो वह राष्ट्र की संपत्ति है और इन्हें तैयार करना हम सभी आचार्य दीदी जी का दायित्व है।

वही विद्यालय की कोषाध्यक्ष ज्योति चौधरी ने कहा कि हमें बच्चों को वह सीखाना है जो वह चाहते हैं। जिला संघचालक अनिल कुमार ठाकुर ने बताया कि वाटिका का अर्थ उपवन है जो बचपन का सबसे मूल्यवान समय है। शिशु वाटिका के आचार्य से यह अपेक्षा किया जाता है कि बच्चों को सहनशीलता के भाव के साथ विद्या का वरदान दे। वही सचिव महोदय नरेंद्र पांडे ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि बच्चों से स्नेह करना सीखना होगा जो चीज हम बच्चों को सिखाएंगे वही संस्कार लेकर बच्चे आगे बढ़ेंगे।

इस  दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सह कार्यशाला को विभिन्न सत्रों के द्वारा संपन्न कराया गया। प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में हस्त पेपर निर्माण, अभिनय के माध्यम से व कहानी के द्वारा भैया बहन को सीखने की कला बताया गया। तृतीय सत्र में विज्ञान प्रयोगशाला ,अंगूठा का ठप्पा लगाना, धागा रील से अलग-अलग आकृति बनाना, विभिन्न तरह के आकृतियों को पहचाना, मौखिक विधि से बच्चों का ज्ञानवर्धन करना जैसे विभिन्न क्रियाकलापों को बताया गया। संध्याकालीन सत्र में चित्र पुस्तकालय की जानकारी दी गई। प्रथम दिवस के रात्रि सत्र में शिशु वाटिका गीत संगीत से संबंधित कार्यक्रम संपन्न कराया गया।इस सत्र में विभिन्न विद्यालयों से आए दीदी जी आचार्य जी ने अपनी अपनी प्रस्तुति देकर वातावरण को संगीत मय बना दिया। द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में वंदना के पश्चात वाटिका की 12 व्यवस्था व 8 आंतरिक व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की गई। वहीं द्वितीय सत्र व समापन सत्र में प्रांतीय शिशु वाटिका प्रमुख गीता कुमारी के द्वारा दो दिवसीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग का वृत्त रखा गया इसके पश्चात विभिन्न विद्यालय से आए हुए दीदी जी के द्वारा अपना अनुभव कथन बताया गया।

पलामू विभाग निरीक्षक नीरज कुमार लाल ने शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग की उपयोगिता को आचार्य दीदी जी के समक्ष रखा और निर्देश देते हुए बताया कि इसी  उत्साह के साथ अपने-अपने विद्यालय में शिशु वाटिका को आगे बढ़ाना है। इस कार्यक्रम में गढ़वा प्रधानाचार्य मनोज पांडे , भवनाथपुर बाजार प्रधानाचार्य जयंत कुमार, भवनाथपुर नगरी प्रधानाचार्य शिवबालक सिंह, केतार प्रधानाचार्य मनोज गुप्ता, वंशीधर नगर प्रधानाचार्य रविकांत पाठक, बरियातू प्रधानाचार्य जितेंद्र राम, लातेहार स्टेशन प्रधानाचार्य राजबल्लभ शर्मा, जपला प्रधानाचार्य  कुश पांडे, प्रभारी प्रधानाचार्य जपला अखिलेश विश्वकर्मा व स्थानीय विद्यालय के सभी आचार्य दीदी जी के साथ पलामू विभाग के विभिन्न विद्यालयों से 68 आचार्य बंधु भगिनी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन वाटिका की दीदी  शिल्पा कुमारी के द्वारा और धन्यवाद ज्ञापन स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी  के द्वारा किया गया।



Report By Ram Kumar (Latehar, Jharkhand)

By Madhu Sinha 

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