DELHI#*राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड़ में सिचांई से सम्बंधित सवाल पूछे* *झारखंड़ सरकार के द्वारा राष्ट्रीय आपदा कोष से सूखे से निबटने में अब तक मदद नही मांगी गई है* *झारखंड़ में असिंचित खेती लायक भूमि की क्या प्रतिशतता है:- दीपक प्रकाश*

 DELHI#*राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड़ में सिचांई से सम्बंधित सवाल पूछे*

*झारखंड़ सरकार के द्वारा राष्ट्रीय आपदा कोष से सूखे से निबटने में अब तक मदद नही मांगी गई है*

*झारखंड़ में असिंचित खेती लायक भूमि की क्या प्रतिशतता है:- दीपक प्रकाश*

     झारखंड़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में कृषि मंत्रालय से झारखंड़ में कृषि योग्य सिंचित भूमि की प्रतिशतता क्या है?तथा क्या केंद्र सरकार इसका सर्वेक्षण की है  से सम्बंधित जानकारी मांगी। 

            श्री प्रकाश के सवालों के जबाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि देश मे कृषि को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी गंभीर है और इसको लेकर हमेशा चिंतित रहते है। उन्होंने कहा कि 2015-16 से ही भारत सरकार तीन मंत्रालय कृषि मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय एवम ग्रामीण विकास मंत्रालय को साथ लेकर इस क्षेत्र में काम करने हेतु योजना बनाना प्रारंभ कर चुकी है।

            उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय के द्वारा "पर ड्राप मोर क्रोप" एवम वाटर शेड के तहत पानी का समुचित प्रयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा  पैदावार लेने का प्रयास कर रही है। इसके कारण से देश मे सिंचित भूमि की प्रतिशतता में वृद्धि आई है। अभी पूरे देश मे सिचांई के लिए 77.9 लाख हेक्टेयर भूमि को शामिल किया गया है। झारखंड़ में पहले 1.43 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई उपलब्ध थी जो अब बढ़कर 2.37 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है।

*क्यों केंद्र सरकार  झारखंड़ को राष्ट्रीय आपदा कोष के माध्यम से सूखे से निबटने में मदद नहीं करती है*          

       श्री प्रकाश ने अपने दूसरे अनुपूरक सवाल के माध्यम से जानना चाहा कि झारखंड़ सूखे से परेशान है,2015-16 तथा 2018-19 में राज्य को राष्ट्रीय आपदा कोष से फण्ड उपलब्ध करायी गयी थी लेकिन उसके बाद से इस फण्ड से कोई मदद क्यों नही की गई है। इस सवाल के जबाब में केंद्रीय कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि जब कभी भी किसी राज्य में सुखा या कोई आपदा आती है तो केंद्र सरकार उस राज्य को एसडीआरएफ के माध्यम से मदद करती है। झारखंड़ में भी सूखे और अन्य आपदा के समय  एसडीआरएफ के माध्यम से फण्ड उपलब्ध कराया जाता है। जब यह फण्ड कम पड़ जाता है तभी राष्ट्रीय आपदा कोष से मदद की जाती है।

            केंद्रीय मंत्री ने अपने जबाब में आगे कहा कि जब कोई राज्य  राष्ट्रीय आपदा कोष पाने के मापदंड को पूरा करता है तभी उस राज्य को राष्ट्रीय आपदा कोष से फण्ड उपलब्ध करायी जाती है। अभी तक झारखंड़ सरकार के द्वारा राष्ट्रीय आपदा कोष से मदद की मांग नही की गई है । अतः इस फण्ड के माध्यम से कोई मदद नही की गई है।

            श्री चौधरी ने आगे बताया कि 2015-16 में राष्ट्रीय आपदा फण्ड की राशि 273 करोड़ रुपये की होती थी जिसे बढ़ाकर अब 637 करोड़ रुपए कर दिया गया है।


By Madhu Sinha 

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