RANCHI#मॉब लिंचिंग कानून को लेकर सर्वधर्म सज़ग नागरिक समाज की परिचर्चा..
"मोबलिंचिंग विरोधी बिल एव हमारा नज़रिया"
1)भीड़ हिंसा मॉबलिंचिंग रोकथाम कानून 2021 को और अधिक प्रभावी एवं कारगर बनाने की मांग!
2)पीड़ितों को समयबद्ध न्याय,मुआवजा, नौकरी, जीविकोपार्जन और पुनर्वास की गारंटी हो !
3)दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट एवं विशेष न्यायाधीश की नियुक्ति हो!
रांची बीते शीतकालीन सत्र में झारखंड सरकार द्वारा विधानसभा से भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग रोकथाम कानून 2021 को पारित किए जाने पर सर्वधर्म समाज के सज़ग नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजधानी रांची के डोरंडा स्थित रिसालदार बाबा बैंकट हॉल में सर्वधर्म सज़ग नागरिक समाज ने सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग 2021 बिल पारित को लेकर हेमंत सरकार का आभार प्रकट करते हुए मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई एवं उक्त कानून बनाने को लेकर हेमंत सरकार एव महागठबंधन सरकार के सभी विधायकों का धन्यवाद दिया गया!
विमर्श कार्यक्रम में मोब लिंचिंग पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों की सरकारों को विशेष कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया विशेष गाइडलाइन का पाठ किया गया इस आलोक में झारखंड सरकार के द्वारा पारित मॉब लिंचिंग कानून को और अधिक प्रभावी तथा कारगर बनाने पीड़ितों को उचित न्याय तथा मुआवजा पुनर्वास के लिए विशेष प्रदान किए जाने की मांग की गई!
वक्ताओं ने सरकार से यह भी मांग की कि वर्तमान के कानून में कई कमजोर पहलू है जिन्हें अभिलंब ठीक किए जाने पर विशेष जोर दिया जाए साथी कानून विशेषज्ञों के विशेष पैनल बनाकर कानून को और प्रभावी बनाने की मांग की गई!
विमर्श कार्यक्रम में क़ानून विशेषज्ञ एव वक्ताओं ने कहा कि उक्त कानून तभी प्रभावी और कारगर होगा जब हेमंत सरकार अविलंब इसकी नियमवली तैयार करें,समयबद्ध तरीक़े से इंसाफ़ में सम्मानजनक मुआवजा,नौकरी,पुनर्वास, जीविकोपार्जन हो,अब तक हुए झारखंड में मोबलिंचिंग के पीड़ितों को मुआवजा एव इंसाफ़ दिया जाए, विमर्श कार्यक्रम में मॉब लिंचिंग कांड मामलों पर काम कर रहे हो वकील ने अनुपालन करते हुए कहा कि ऐसे संगीन मामलों के पीड़ित तथा गवाहों की सुरक्षा की जवाबदेही भी सरकार को लेनी होगी,सर्वधर्म समाज के कई वक्ताओं ने कहा कि यह विडंबना है कि सांस्कृतिक एकता वाले झारखंड को संप्रदायिक प्रदेश मे बदल दिया गया है!
इस आलोक में झारखंड सरकार के द्वारा पारित बिल जो कानून का रूप होगा और अधिक प्रभावी खासकर एक विशेष राजनीतिक धारा के नफरत की राजनीति पूरे झारखंड के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है ऐसे में मॉब लिंचिंग कांड जैसे संवेदनशील मसलों के लिए पुलिस प्रशासन को और अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर दिया गया,विमर्श द्वारा तय किया गया कि व्यापक विमर्श/संगोष्ठी सभ्य समाज के जिम्मेदार संगठनों, जिम्मेदार नागरिकों के साथ किया जाएगा,जो व्यापक कानून की मजबूती के लिए विशेष सुझाव ड्राफ्ट कर हेमंत सरकार,
मंत्रियों,विधायकों समेत संबंधित कार्यालय को भेजा जाएगा!
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजू महतो(अध्यक्ष आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच,झारखंड) एव रतन तिर्की(पूर्व टीएसी सदस्य एव झारखंड आंदोलनकारी) ने की,संचालन अधिवक्ता इम्तियाज़ अशरफ़(अवामी इंसाफ़ मंच) एव नदीम खान(लहू बोलेगा)ने किया.
विषय प्रवेश अनिल अंशुमान(एआईपीएफ) एव
धन्यवाद ज्ञापन मो बब्बर(अवामी इंसाफ़ मंच)ने किया.
अधिवक्ताओं की टीम में अधिवक्ता ए. के.रशीदी (झारखंड बार काउंसिल सदस्य)
अधिवक्ता शोभा शीश सोरेन(हॉफमैन)
अधिवक्ता इम्तियाज़ अशरफ़(अवामी इंसाफ़ मंच)
अधिवक्ता राजू हेम्ब्रम(एचआरएलएन,झारखंड)
अधिवक्ता श्याम(फ़ादर स्टैन के सहयोगी)
अधिवक्ता रिज़ॉल्लाह अंसारी(एपीसीआर)
अधिवक्ता अज़हर अहमद खान थे
कार्यक्रम में मोख्तार अहमद(महासचिव,अंजुमन इस्लामिया रांची),ज्योति सिंह मथारू(सिख फेडरेशन),परमेंद्र सिंह(सिख समुदाय),सुशांतो मुखर्जी(मासस),सुबोध डांगी(प्रवक्ता,आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच,झारखंड),अरविंद दास(इंग्लिश पत्रकार)शशि सागर वर्मा (मानवाधिकार कार्यकर्ता,पीयूसीएल झारखंड), सलाहुद्दीन संजू(संरक्षक,जेएमसीसी),मो फ़ारूक़ (महासचिव, रिसालदार बाबा मज़ार),पार्षद नसीम गद्दी पप्पू,शम्स क़मर लड्डन(झारखंड आंदोलनकारी),मो परवेज़ खान(अध्यक्ष, हटिया अंजुमन इस्लामिया),जावेद अख़्तर(मोमिन पंचायत),इमरान रज़ा अंसारी,नवाब चिश्ती, असफ़र खान,मो आसिफ़ अहमद गुड्डू,मो लतीफ़ आलम,(समाजिक कार्यकर्ता)इक़बाल हसन,शोएब अंसारी,बच्चा बाबू,मिनहाज़ अख़्तर,तनवीर अहमद,मो एनातुल्लाह अंसारी, मो वसीम,आफ़ताब गद्दी,मो जावेद आदि उपस्थित थे.
BY MADHU SINHA
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