भारतीय जनता पार्टी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक

 भारतीय जनता पार्टी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक


दिनांक 23-24 अक्टूबर, 2021

बिरसा मंडप कार्निवाल हॉल, डिबडीह, रांची, झारखण्ड राजनैतिक प्रस्ताव

भारतीय जनता पार्टी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में आप सभी राष्ट्रीय पदाधिकारीगण, माननीय मंत्रीगण, माननीय सांसदगण, राज्यों के माननीय मंत्रीगण एवं देश के सभी राज्यों से आये प्रदेश अध्यक्षों, प्रदेश महामंत्रीयों एवं राष्ट्रीय कार्यसमिति के सभी सदस्यगणों का भगवान बिरसा मुण्डा की पावन धरा पर अभिनंदन करता हूँ।

हमारा देश वैश्विक महामारी की इस विषम परिस्तिथियों से तेजी से बाहर निकल रहा है संकट के इस समय में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार ने तथा माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे. पी. नड्डा जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के संगठन ने जिस प्रकार से कार्य किया है, वह अपने आप में सेवा का एक अद्वितीय और अनुठा उदहारण है। 22 मार्च को जनता क्र्फयू तथा 24 मार्च 2020 से राष्ट्रव्यापी सम्पूर्ण लॉकडॉउन लगने के साथ ही देश को कोरोना मुक्त कराने और भविष्य में इस प्रकार की महामारी से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई थी। महामारी की इस विषम परिस्थिति में हम सभी देशवासियों को पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर तथा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से आत्मनिर्भर बनते देख रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही बजट में कोविड-19 के टीकाकरण हेतु 35 हज़ार करोड रुपए उपलब्ध कराया गया। इसी के परिणाम स्वरूप दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को भारत ने इतिहास रचते हुए 100 करोड़ से भी अधिक टीकाकरण कर विश्व में किर्तीमान स्थापित किया है।


माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए सेवा ही संगठन' कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। सेवा ही संगठन के मूल मंत्र के साथ भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रत्येक कार्यकर्ता ने देश में गरीब एवं असहाय लोगों की सहायता में खुद को समर्पित कर दिया।

श्रद्धेय स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा केन्द्र में पहली बार जनजाति कार्य मंत्रालय का गठन किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने देश के जनजातीय समुदाय के विकास एवं उत्थान के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमारे देश के प्रिय एवं यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के द्वारा देश के 135 करोड़ देशवासियों को "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" का नारा दिया गया और गांव, गरीब, किसान, मजदूर, सुदूर वनांचलों में निवास करने वाले जनजाति समाज के परिवारों के लिए क्रमशः प्रधानमंत्री आवास योजना के अर्न्तगत जनजाति समुदाय के लगभग 2 करोड पक्के मकान बन चूके हैं और 2022 तक 2.5 करोड़ पक्के मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

उज्जवला योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति समुदाय के लगभग 3 करोड से अधिक परिवारों को गैस कनेक्शन निःशुल्क दिया गया है।

प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत नल-जल योजना के माध्यम से प्रत्येक जानजाति समुदाय के घर तक शुद्ध पेयजल पाईप के माध्यम से पहुँचाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत योजना लागू कर देश के करोड़ो गरीब जनजाति समुदाय के लोगों के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

अनामय योजना के अंर्तगत 177 जनजातीय बहुल जिलों में जनजातीय भाईयों-बहनों को वेहत्तर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए कुपोषण की समस्याओं से मुक्ति हेतु निरंतर युद्ध स्तर पर प्रयास हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सुदूर एवं दूर्गम ग्रामीण क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा गया है। इससे भी जनजाति समाज के हजारों गांव सड़क मार्ग से जुड़ गए। हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली से मुम्बई कोरिडोर सड़क निर्माण की घोषणा की हैं, जो जनजातीय बहुल राज्यों से होकर गुजरेगा। जिसका सीधे-सीधे लाभ जनजातीय समाज को मिलने वाला है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे और सीमांत जनजाति किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जनजाति किसान भाईयों को फसल के प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

जीवन ज्योति योजना के माध्यम से जनजातीय समाज के व्यक्ति को रोजाना मात्रा 90 पैसे प्रीमीयम देकर उसके परिवार को 2 लाख रूपये की सुरक्षा प्राप्त हो रही है। यह दुनियां की सबसे सस्ती स्वास्थ्य बीमा योजना है। जिसके माध्यम से जनजातीय समाज के 1 लाख से ज्यादा परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत शिक्षित जनजातीय समुदाय के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल विकास कर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुद्रा योजना के अंतर्गत देश में अनुसूचित जनजाति समाज के 4 करोड़ से अधिक युवाओं को लाभ पहुँचाया जा रहा है।

अटल पेंशन योजना के तहत रोजाना केवल 7 रूपये जमा करके 60 वर्ष की आयु के बाद जनजातीय समाज के व्यक्ति को 5 हजार रूपये महिना पेंशन उपलब्ध करायी जा रही है।

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत अनुसूचित जनजाति समाज के 60 वर्ष आयु पूरे करने वाले व्यक्ति को 3000 रूपये महिना पेंशन प्राप्त हो रही है। इसके लिए किसी प्रकार का प्रीमियम देने की आवश्यकता नहीं है।

प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत जीरो बैलेन्स के आधार पर 34 करोड़ देश में नये खाते खोले गये, जिसके कारण डी.बी.टी. योजना का क्रियान्वयन आसान हुआ।


डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) योजना के माध्यम से जनजाति समुदाय के लाभार्थियों को उनके खाते में सीधे राशि जमा हो रही है, जिसके कारण बिचौलिये, दलाल, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार पर लगाम लगी हुई है। यह परिवर्त्तन का प्रतीक है। राजीव गांधी के कार्यकाल में जो 100 रूपये में से 15 रूपये ही गरीबों को मिल पाते थे। आज माननीय नरेन्द्र मोदी जी के कार्यकाल में अब 100 के 100 रूपये गरीबों को प्राप्त हो रहे हैं।

वनधन योजना के कारण जनजाति समुदाय को अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है।

ट्राईफेड योजना के द्वारा जनजाति बेरोजगार युवकों एवं युवतियों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया ।

सुक्ष्म ऋण योजना के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्वयं

सहायता समूह के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत देश में लगभग 20 हजार गांवों तक बिजली पहुँचायी गयी, इस कदम से गरीब आदिवासी समाज के ग्रामवासियों को बिजली उपलब्ध हो पायी।

प्रधानमंत्री जन औषधि योजना से गरीब आदिवासी समाज को निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध करायी जा रही हैं।

जनजाति समुदाय के युवाओं को देश की आर्थिक उन्नति में भागीदार बनाने के उद्देश्य से तथा स्टटअप और स्टैण्डअप इण्डिया का लाभ दिलाने के लिए जनजाति समुदाय के उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जनजातीय समाज के छात्र छात्राओं की शिक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा आश्रम स्कूल, एकलव्य आवासीय विद्यालय, कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय, प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप तथा वॉकेशनल ट्रेनिंग सेन्टर जैसी अनेक योजनाएं चलायी जा रही हैं। जिसके कारण जनजाति समाज में 1961 में शिक्षा का प्रतिशत, मात्र 9 प्रतिशत था जो वर्तमान में लगभग 65 प्रतिशत हो चुका है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जनजातीय समुदाय में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुये लिंग असमानता को दूर किया जा रहा है एवं सैनिक स्कूल में लड़कीयों को प्रवेश देने का निर्णय लिया गया।

पढ़े भारत-बढ़े भारत के तहत जनजातीय समुदाय के बालकों के लिए स्कूली शिक्षा को मजबूत किया जा रहा है।

माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के केन्द्र सरकार द्वारा 70 वर्षों से जम्मू-कश्मीर, लेह-लदाख में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति समाज के विकास को अवरूद्ध करने वाले अनुच्छेद 370 के हटते ही वहां जनजातियों को आरक्षण का लाभ मिलना प्रारम्भ हो गया है।

* देश की आजादी के बाद देश में पहली बार अनुसूचित जनजाति समुदाय से दो महिला मंत्री सहित 8 केन्द्रीय मंत्री एवं तीन राज्यपाल झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में बनाये गये।

ॐ अनुसूचित जनजाति के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए देश में 9 जनजातीय अनुसंधान केन्द्र खोले गये हैं।

ॐ स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए कोरोना महामारी के दौरान देश के लगभग 80 प्रतिशत जनजाति समुदाय के लोगों को निःशुल्क टीकाकरण किया गया | ॐ खाद्यान्न सुरक्षा हेतु प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अनुसूचित जनजाति समाज के लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या को निःशुल्क 5 किलों प्रति व्यक्ति के हिसाब से अनाज वितरण किया जा रहा है।

ॐ अनुसूचित जनजाति समाज के स्कूली शिक्षा के विकास हेतु केन्द्रीय विद्यालय के तर्ज पर देशभर में 271 एकलव्य आवासीय विद्यालय स्वीकृत किये गये जिसमें 190 विद्यालयों का निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है।

ॐ अनुसूचित जनजाति समाज के स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में उनकी प्रतिमा संग्रहालय एवं उनके गांवों को मोंडल गांव बनाकर केन्द्र सरकार के द्वारा विकास करने का काम किया जा रहा है।

केन्द्र सरकार ने जनजाति समुदाय के लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए मुद्रा योजना के तहत 2 करोड़ जनजाति बेरोजगारों को लाभाविन्त करने के लिए अलग से 40 हजार करोड़ रूपये का ऋण आवंटित करने का प्रावधान किया

'वोकल फॉर लोकल' के तहत अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को केन्द्र सरकार के सरकारी उपक्रमों के लिए कम से कम 4 प्रतिशत खरीददारी अनिवार्य कर दी गयी है। इससे जनजाति समुदाय के उद्यमियों को भारी प्रोत्साहन मिल रहा है।

• 26 जनवरी 1950 में संविधान लागू होने के पश्चात् अगले चार वर्षों तक भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षाओं में एक भी जनजाति समुदाय से चयन नहीं हुआ था। परन्तु आज देश में 252 1.A.S. (आई.ए.एस.) अधिकारी तथा 170 1.P.S. (आई.पी.एस.) अधिकारी जनजाति समुदाय से हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के पिछले 7 सालों के कार्यकाल के दौरान 93 I.A.S. (आई.ए.एस.) और 81 I.P.S. (आई.पी.एस.) जनजाति समुदाय से चयनित हुए हैं।

देश के जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है, उन राज्यों में जनजातीय समाज के उत्थान विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बाधित कर जनजातीय समाज के विकास की दिशा को अवरूद्ध किया जा रहा है जैसे बंगाल, झारखण्ड राजस्थान, महाराष्ट्र उडीसा, छत्तीसगढ़ आदि ।

जब से झारखण्ड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा एवं कॉग्रेस, राजद की सरकार बनी है तब से लेकर लगभग 3700 महिलाओं पर बलात्कार, दुष्कर्म, अत्याचार हुआ है। अनुसूची-5 के तहत ट्राईबल एडवायजरी कोंसिल (टी.ए.सी.) में आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक विकास के लिए टी.ए.सी. सदस्य मनोनित करने का अधिकार महामहिम राज्यपाल को दिया गया है लेकिन झारखण्ड के हेमंत सोरेन सरकार ने उनको दिये गये अधिकारों का हनन एवं दमन करने का काम किया है।

राज्य में हेमंत सोरेन सरकार का गठन होते ही पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुआ / गुदड़ी के बुरूगुलीकेरा गांव के 11 आदिवासियों के सिर काट कर अपराधियों द्वारा निर्ममता पूर्वक हत्याएं की गयी साहेबगंज थाना में पदस्थापित प्रतिभाशाली होनहार आदिवासी महिला पुलिस दरोगा रूपा तिर्की की उसके आवास में ही हत्या कर दी गयी। पूर्ववर्त्ती झारखण्ड की भाजपा सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी, जिन्हें वर्त्तमान में उन्हें पूर्णतः बंद कर दिया गया।

• जनजातियों के आराध्य देव 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती 15 नवम्बर को राष्ट्रीय पर्व के रूप में देश भर में मनायी जावे, और इस दिवस को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में भी मानाया जाय।

• अनुसूचित जनजाति समाज का सदस्य देश के किसी भी राज्य में अथवा कहीं भी निवास करते हों, उन्हें उस राज्य में अनुसूचित जनजाति की मान्यता और आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

* भारत सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया है। उसी तर्ज पर सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में भी राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग एवं जनजाति वित्त निगम का भी गठन किया जाए।

* पूरे भारत वर्ष में जनजातियों की भूमि की रक्षा के लिए जो कानून बनाये गये हैं, उनका अक्षरशः अनुपालन कराने की व्यवस्था की जाए। और जिन आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों के हाथों में चली गयी है, उनको वापस लाने के लिए कडे कानून बनाये जाएं।


 सैकड़ों वर्षों से वनक्षेत्र में निवास कर रहे अनुसूचित जनजाति समुदाय भूमि का मालिकाना हक मिलना चाहिए एवं उनकी सुरक्षा होनी चाहिए।

 देश के प्रायः राज्यों में जनजाति समाज की तरह एक समान रहन-सहन, खान-पान, शादी-विवाह, धर्म-संस्कृति, धार्मिक मान्यताएं एवं विश्वास वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किया जाए।

 इस अवसर पर भारत सरकार के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी एवं भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे. पी. नड्डा जी को सम्पूर्ण जनजाति समुदाय की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ तथा देश भर से उपस्थित भारतीय जनता पार्टी, अनुसूचित जनजाति मोर्चे के पदाधिकारियों का अभिनंदन करता हूँ।


जय हिन्द ।

जय भारत ।।

प्रस्तावक

1. श्री डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी जी सांसद, राज्यसभा, मध्य प्रदेश राष्ट्रीय नीति एवं शोध प्रभारी

समर्थक

1. श्री विश्वेश्वर दुडू जी केन्द्रीय राज्य मंत्री, जनजाति कार्य एवं जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ।

2. श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी

केन्द्रीय राज्य मंत्री, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार ।


By Madhu Sinha

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