JHARKHAND#*राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड़ में आदिवासी क्षेत्रों में स्मार्ट सिंचाई प्रणाली से सम्बंधित जानकारी मांगी* *झारखंड के आदिवासी किसानों को 80-90% सब्सिडी पर ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली भी प्रदान की जा रही है.*

 JHARKHAND#*राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड़ में आदिवासी क्षेत्रों में स्मार्ट सिंचाई प्रणाली से सम्बंधित जानकारी मांगी*

*झारखंड के आदिवासी किसानों को 80-90% सब्सिडी पर ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली भी प्रदान की जा रही है.*

    झारखंड़ भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में कृषि एवं कल्याण मंत्रालय से झारखंड़ में स्मार्ट सिंचाई प्रणाली से सम्बंधित जानकारी मांगी. 

          श्री प्रकाश ने अपने अतारांकित प्रश्न में केंद्रीय कृषि और कल्याण मंत्रालय से पूछा कि क्या सरकार इस बात से अवगत है कि झारखंड के किसान, विशेषकर अनुसूचित जनजाति के किसान, पारंपरिक कृषि प्रणाली पर निर्भर हैं जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा कोई विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती है. तथा  केंद्र सरकार आदिवासी क्षेत्रों में स्मार्ट सिंचाई प्रणाली के प्रति जागरूकता पैदा करने, और तकनीकी या कोई अन्य सहायता देने के लिए क्या कदम कदम उठा रही है.

       केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर अपने उतर में बताया कि झारखंड सरकार ने सूचित किया कि बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति के किसान कृषि पद्धतियों पर निर्भर हैं और उन्हें विभिन्न राज्य और केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत सभी विशेष सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं जैसे कि विभिन्न योजनाओं के तहत झारखंड में ब्लॉक चेन सिस्टम में पंजीकृत किसानों में से 14,65,115 किसानों को सब्सिडी वाले बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिसमें सभी 13 टीएसपी जिलों के किसान शामिल हैं और कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 7,28,415 है। बड़ी संख्या में आदिवासी किसान खेती की उन्नत तकनीकें अपना रहे हैं।

      श्री ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के एटीएमए, एनएफएसएम और आरकेवीवाई कार्यक्रम के तहत, किसान मेला, गोष्ठी, कृषक पाठशाला आदि के माध्यम से बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा की जा रही है। ये कार्यकलाप राज्य योजना में भी संचालित होते हैं। झारखंड के आदिवासी किसानों को 80-90% सब्सिडी पर ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली भी प्रदान की जा रही है.

          केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा झारखंड सहित सभी राज्यों में परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) की स्कीमों के माध्यम से वर्ष 2015-16 से देश में प्राथमिकता पर जैविक खेती को भी बढ़ावा दे रही है.जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष की अवधि के लिए 31,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है.इसमें से किसानों को खेत पर खेत से इतर जैविक आदानों के लिए डीबीटी के माध्यम से तीन वर्ष की अवधि के लिए 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है. झारखंड राज्य में अब तक 21,900 हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है और पीकेवीवाई योजना के तहत 29,289 किसानों को जुटाया गया है.

          श्री ठाकुर ने बताया कि सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) योजना के भारतीय प्राकृतिक खेती पद्धति (बीपीकेपी) कार्यक्रम के माध्यम से वर्ष 2019-2020 से प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दे रही है !


By Madhu Sinha 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ